भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के लिए खुल्ला पत्र !(हिन्दीमा) - Himal Post Himal Post
  • १३ बैशाख २०८१, बिहीबार
  •      Thu Apr 25 2024
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भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के लिए खुल्ला पत्र !(हिन्दीमा)



सम्माननीय भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी नमस्कार ,

जय नेपाल ,

जय हिंद ।

फिर एकबार मै समाजिक संजाल के माध्यम से आपको खुल्ला पत्र लेख्ने जाहा रहा हु । लोकतंत्र की मान्यताओं में नागरिक देश के सबसे बड़े जायदाद होती है । नागरिक की स्वतंत्रता , मौलिकता और सार्वभौमिकता की रक्षा करना हरेक देश की नेतृत्व का दायित्व होता है । मानब की रक्षा ही सबसे बढी धर्म है । आज भारत और नेपाल के बिच कुछ समय पहले से संबंध मे खटास आ रही है । नेपाल और भारत बिश्वमे मित्रता सद्भावता और शान्ति के लिए पडोसी मुलुक के रुपमे जाना जाता है ।

भारतीय नागरिक और नेपाली नागरिक के बिचमे आपसी एकता और सद्भावता के बिकास को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच गर्व से दोनो देशों के जनता को सम्मानित करता है । आज दोनों देशों के जनता दोनों देशों के अनेक स्थानों मे आपने व्यवसाय रोजगारी के माध्यमों से रहते हैं और आपसी एकता कायम करते हुए आपसमे मित्रता और शान्ति बनाए रखते हैं । सम्माननीय भारत के प्रधानमंत्री जी हम आपसे एक प्रश्न पुछना चाहते हैं , बर्तमान अवस्था में आप के देश के सुरक्षाकर्मी एस एस बी ने अंतरराष्ट्रीय कानून की मर्यादा को अपमान करते हुए एक नेपाली युवक गोबिंद गौतम को गोलियों से हत्या की गई । नेपाल भारत के पडोसी देश के आधार पर अंतरराष्ट्रीय कानून की सम्मान करता है मगर भारत क्यु अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कररहा है ।

आज युरोपीय देशों लगाएत संयुक्त राष्ट्र संघ हरेक देश आपनी पडोसी देशों की सरकार और जनता से की जानी वाली कुटनितीक नितियो का समिक्षा करती है । एक नेपाली नागरिक के आपके सुरक्षाकर्मियों की गोली से हत्या होना नेपाली सार्वभौमिकता की हत्या की प्रयास है ऐसे आपकी सरकार की कार्य अंतरराष्ट्रीय कानून का अपमान ही नहीं हरेक नेपाली नागरिक का अपमान भी है ऐसे व्यवहार नेपाली नागरिकों को कबीभी स्वीकार नहीं होता । आज भारत के नितिऔ को देखे तो नेपाल के उपर सकारत्मक निति नही है काहा जाता है आप बोलते कुछ हो और करते कुछ हो ।

मै आपको पुर्व प्रसंग दोहराना चाहता हूं सम्माननीय भारत के प्रधानमंत्री जी आप नेपाल के राजकीय यात्रा पर थे उस समय आपने नेपाली सदनको संबोधन किया था आपके मुखारबिन्द से निकली हुई शब्द आज भी नेपाली सदन मे रिकॉर्ड है । आपने काहा था नेपाल ओ देश है जो संसार को सुन्दरता के रुपमे आपने आपमे आकर्षित करता है , नेपाल देवो के भुमी है याहा भगवान आराध्य देव शिव पशुपतिनाथ है , माता जनकी ने यिसी भुमी मे जनम लिया और भगवान गौतम बुद्धका भी नेपाली भुमी मे जनम हुवा यितना ही नहि आगे आपने काहा था नेपाल के हिमाल तराई पहाड़ी क्षेत्रों ने हरेक देशों के नागरिकों को सुन्दरताकी मनमोहक परिचय दिया और हिमाल की पानी नेपाल की जवानी किस शब्द से मै उचारण करु मेरे मनमे नेपाल और नेपाली जनता और नेपाल के प्राकृतिक सौंदर्य सम्मानित रुपमे बैठा हुआ है मै नेपाली जनता को नमन करता हु । जव आप आपनी भ्रमण खतम करके भारत लौटे तब आपकी सोच और बाक्यं मे परिबर्तन आया और आपने नेपाल के उपर कुदृष्टि रखना चालु किया ।

आज पैसठ हजार नेपाली युवा आपकी देश की सुरक्षा मे तैनात है ,भारत की सुरक्षा मे कोही कसर नहीं रखते याहा तक आपने सरिर की प्रबाहा भी नही करते और सहिद हो जाते हैं मगर आपको नेपाली युवा की यह बलिदानी नजर नही आता आप की यिस कार्य से उन सहिदोके परिवार मे आपके उपर नफरत भर जाता है जरा सोचिए । नेपालके आन्त्रिक मामलोमे आपने हस्तक्षेप करने का कोशिश की क्या यह आपको सोभा देता है , नेपाली संविधान को कार्यन्वयन नहि होने दिया मदेशी और पहाड़ों के लोगो मे आपसी मतभेद फैलाने कोसिस की है नेपाल में अशांति होने से भारत अछूत रहेगा यह सोच आपकी गलत है नेपाल सार्वभौमसत्ता सम्पन्न राष्ट है आजतक किसी के अधिन गुलाम नहि हुवा हर नेपाली जनताको बिश्व जन मंच मे सम्मान से पुकारा जाता है ।

मै बर्तमान संदर्भ में आपको पुछना चाहता हूं जो दोनों देशों के बीच मित्रता मे खटास दिखाई दे रहा है नेपाली युवा गोबिंद गौतम की हत्या हुई है हरेक नेपाली सोक मे डुबा हुवा है ऐसे अवस्था में आपका कर्तव्य क्या है और दोषी को अभी तक निलंबित क्यु नहीं किया गया यह प्रश्न मेरा अकेला का नहीं है पुरा नेपाली नागरिक का है । तत्काल दोषी को निलंबित करके नेपाल को सौपा जाय क्युकी दोषी नेपाल का अपराधी है और उसको नेपाल के कानून के अनुसार कार्बाही किया जाय । यिस घटना से अंतरराष्ट्रीय कानून ओर मानवीय मूल्यों का हत्या हुई है और आप जिम्मेदार बनते हुए आम नेपाली नागरिक से माफी मांगी जानि चाहिये ।

समाप्त

योगेन्द्र गौतम नेपाली नागरिक एवं आपका शुभ-चिन्तक ।